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Prolactin Test in Hindi: प्रोलैक्टिन लेवल की जांच का महत्व और प्रक्रिया

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Dr. Pujil Gulati, IVF Specialist with over 13 years of experience in Assisted Reproductive Techniques BabyBloom IVF Gurgaon

प्रोलैक्टिन टेस्ट क्या है? (What is Prolactin Test?)

 Prolactin Test in Hindi – प्रोलैक्टिन टेस्ट एक खून की जांच है जो शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन के स्तर को मापने के लिए की जाती है। यह हार्मोन मुख्य रूप से महिलाओं में स्तनपान के दौरान दूध उत्पादन के लिए जिम्मेदार होता है। हालांकि, प्रोलैक्टिन हार्मोन का महत्व केवल स्तनपान तक सीमित नहीं है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता, मासिक धर्म चक्र, और सेक्स हार्मोन के संतुलन जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों को प्रभावित करता है। यदि शरीर में प्रोलैक्टिन का स्तर सामान्य से ज्यादा या कम हो जाए, तो यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।

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प्रोलैक्टिन हार्मोन का महत्व (Importance of Prolactin Hormone)

  • स्तनपान (Lactation): प्रोलैक्टिन का मुख्य कार्य स्तनपान के लिए दूध उत्पादन को नियंत्रित करना है।
  • प्रजनन स्वास्थ्य (Reproductive Health): यह महिलाओं के मासिक धर्म चक्र और प्रजनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • पुरुषों में भूमिका (Role in Men): प्रोलैक्टिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को संतुलित करता है और स्पर्म उत्पादन में सहायक होता है।

प्रोलैक्टिन टेस्ट क्यों किया जाता है? (Why is Prolactin Test Done?)

महिलाओं में (In Women):

  • मासिक धर्म अनियमितता (Irregular Periods)
  • गर्भधारण में समस्या या बांझपन।
  • बिना गर्भावस्था के स्तनों से दूध आना।
  • लंबे समय तक सिरदर्द या धुंधला दिखना (Pituitary Gland) से जुड़ी समस्या का संकेत।

  पुरुषों में:

  • Sex Drive (कामेच्छा) की कमी।
  • स्पर्म काउंट में कमी (Low Sperm Count)
  • टेस्टोस्टेरोन का कम स्तर (low testosterone levels)

अन्य कारण (Other Reasons):

  • पिट्यूटरी ग्रंथि की समस्याएं (Pituitary Gland Disorders)
  • थायरॉइड से जुड़ी समस्याएं। (Problems related to thyroid).
  • लगातार तनाव या डिप्रेशन (Persistent stress or depression)  Prolactin Test in Hindi

प्रोलैक्टिन टेस्ट की प्रक्रिया (Prolactin Test Procedure)

1. ब्लड सैंपल लेना (Blood Sample Collection): सुबह के समय, खाली पेट ब्लड सैंपल लिया जाता है।

2. विशेष तैयारी (Special Preparation): टेस्ट से पहले ज्यादा स्ट्रेस, एक्सरसाइज, या भारी भोजन से बचें।

3. समय (Timing): टेस्ट सुबह के समय करना बेहतर होता है क्योंकि प्रोलैक्टिन का स्तर दिनभर बदलता रहता है।

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सामान्य प्रोलैक्टिन स्तर (Normal Prolactin Levels)

  • महिलाओं में: 4.8 से 23.3 नैनोग्राम/मिलीलीटर (ng/mL)
  • गर्भवती महिलाओं में: 34 से 386 ng/mL
  • पुरुषों में: 4.0 से 15.2 ng/mL

Note: प्रोलैक्टिन का सामान्य स्तर लैब और व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार थोड़ा अलग हो सकता है।  Prolactin Test in Hindi

  • पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर (Pituitary Tumor): इसे प्रोलैक्टिनोमा कहा जाता है।
  • थायरॉयड की समस्या (Thyroid Issues): हाइपोथायरॉयडिज्म की स्थिति।
  • कुछ दवाइयां (Certain Medications): एंटीडिप्रेसेंट और ब्लड प्रेशर की दवाइयां।
  • तनाव (Stress): ज्यादा मानसिक या शारीरिक तनाव।

 

निम्न प्रोलैक्टिन स्तर के कारण (Causes of Low Prolactin Levels)

  • पिट्यूटरी ग्रंथि की खराबी (Pituitary Dysfunction): जैसे हाइपोपीट्यूटारिज्म।
  • डोपामाइन का उच्च स्तर (High Dopamine Levels): डोपामाइन प्रोलैक्टिन उत्पादन को रोकता है।

प्रोलैक्टिन स्तर को नियंत्रित कैसे करें? (How to Control Prolactin Levels?)

उच्च प्रोलैक्टिन स्तर के लिए (For High Levels):
  • दवाइयां (Medications): डॉक्टर की सलाह से ब्रोमोक्रिप्टिन और कैबरगोलिन जैसी दवाइयां लें।
  • सर्जरी (Surgery): पिट्यूटरी ट्यूमर के मामलों में।
  • रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy): जब दवाइयां और सर्जरी से सुधार न हो।
निम्न प्रोलैक्टिन स्तर के लिए (For Low Levels):

प्रोलैक्टिन टेस्ट के फायदे (Benefits of Prolactin Test)

यह हार्मोन असंतुलन की पहचान करने में मदद करता है और निम्नलिखित समस्याओं का समाधान ढूंढने में सहायक होता है:
  • महिलाओं में बांझपन या मासिक धर्म की समस्याओं का कारण पता चलता है।
  • पिट्यूटरी ग्लैंड से संबंधित बीमारियों का निदान करने में मदद करता है।
  • थायरॉइड या अन्य हार्मोनल गड़बड़ियों का पता लगाने में सहायक है।

प्रोलैक्टिन लेवल को संतुलित रखने के उपाय

  • सेहतमंद आहार अपनाएं: ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें, जो शरीर को जरूरी पोषक तत्व देते हैं। प्रोटीन से भरपूर आहार को अपनी डाइट में शामिल करें। जंक फूड और अधिक मीठा खाने से बचें, क्योंकि ये शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • तनाव से बचें: ध्यान और योग से मानसिक शांति पाएं और तनाव कम करें। इससे शरीर भी स्वस्थ रहता है और मानसिक स्थिति भी बेहतर होती है।
  • पर्याप्त नींद लें: हर रात कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। इससे आपका शरीर सही तरीके से कार्य करता है और दिनभर ऊर्जा महसूस होती है।
  • दवाइयों का सही उपयोग: बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें। अगर दवा की आवश्यकता हो, तो पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
  • नियमित शारीरिक गतिविधि करें: रोज़ाना व्यायाम से शरीर में हार्मोन सही तरीके से काम करते हैं, जिससे आप फिट और स्वस्थ रहते हैं।

इन सरल और प्रभावी उपायों से आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं और अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं।  Prolactin Test in Hindi

निष्कर्ष (Conclusion)

प्रोलैक्टिन हार्मोन की असंतुलन से प्रजनन में दिक्कतें आ सकती हैं। यह टेस्ट आपके हार्मोनल स्वास्थ्य को समझने में मदद करता है और समस्या के बारे में सही जानकारी देता है। यदि आपको बांझपन या मासिक धर्म की गड़बड़ियों का सामना हो रहा है, तो इस टेस्ट से इलाज में मदद मिल सकती है। अपने हार्मोनल संतुलन को ठीक रखकर गर्भधारण की संभावना बढ़ाई जा सकती है। अगर आप परेशान हैं तो Babybloom IVF Centre से संपर्क करें।

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