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🩺 Preeclampsia in Pregnancy Risk: डॉक्टर बताएंगे किन्हें है सबसे ज्यादा संभावना

Picture of  Dr. Pujil Gulati, IVF Specialist with over 13 years of experience in Assisted Reproductive Techniques BabyBloom IVF Gurgaon
Dr. Pujil Gulati, IVF Specialist with over 13 years of experience in Assisted Reproductive Techniques BabyBloom IVF Gurgaon

🌟 Introduction / परिचय

गर्भावस्था (Pregnancy) महिलाओं के जीवन का सबसे खास समय होता है, लेकिन कभी-कभी यह समय कुछ चुनौतियों के साथ आता है। Preeclampsia in Pregnancy Risk
👉 उन्हीं चुनौतियों में से एक है Preeclampsia (प्री-एक्लेम्पसिया)

यह समस्या तब होती है जब प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ जाता है और किडनी व लीवर जैसे अंग प्रभावित होने लगते हैं। अगर इसे समय पर न पहचाना जाए तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।

Pregnant woman holding belly with infographic showing preeclampsia risks including blurry vision, rapid weight gain, pain below ribs, persistent headache, and swelling in legs, hands, or face.

🧩 Preeclampsia क्या है?

प्री-एक्लेम्पसिया गर्भावस्था की एक गंभीर स्थिति है जिसमें –

  • ब्लड प्रेशर (High BP) लगातार बढ़ा रहता है।
  • यूरीन में प्रोटीन आ जाता है।
  • कई बार शरीर में सूजन (Swelling) भी बढ़ जाती है।

👉 यह प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते के बाद सबसे ज्यादा दिखाई देती है।

⚠️ Preeclampsia के लक्षण (Symptoms)

प्री-एक्लेम्पसिया को पहचानने के लिए कुछ लक्षणों पर ध्यान देना ज़रूरी है –

  • सिरदर्द (Headache)
  • आंखों में धुंधलापन
  • चेहरे और हाथ-पांव में सूजन
  • अचानक वजन बढ़ना
  • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
  • बार-बार पेशाब आना लेकिन प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होना

डॉक्टर बताएंगे – किन्हें है सबसे ज्यादा खतरा?

1️पहली बार मां बनने वाली महिलाएं (First Pregnancy)

👉 पहली बार प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं में इसका खतरा ज्यादा होता है।

2️हाई ब्लड प्रेशर वाली महिलाएं (High BP Patients)

👉 पहले से हाई BP या हार्ट की समस्या होने पर रिस्क बढ़ जाता है।

3️मोटापा और असंतुलित जीवनशैली (Obesity)

👉 ज्यादा वजन वाली महिलाओं में Preeclampsia का खतरा ज्यादा होता है।

4️⃣ Twin Pregnancy (जुड़वां बच्चा)

👉 अगर महिला जुड़वां या उससे ज्यादा बच्चों को गर्भ में लिए होती है तो रिस्क दोगुना बढ़ जाता है।

5️डायबिटीज या किडनी की बीमारी (Diabetes & Kidney Issues)

👉 जिन महिलाओं को पहले से डायबिटीज या किडनी की समस्या है, उन्हें भी ज्यादा खतरा होता है।

6️उम्र से जुड़ा असर (Age Factor)

👉 35 साल से ज्यादा उम्र में पहली बार मां बनने पर रिस्क बढ़ सकता है।

🩺 Preeclampsia क्यों खतरनाक है? (Complications)

अगर इसे नज़रअंदाज़ किया जाए तो यह गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है –

  • प्रीमैच्योर डिलीवरी (Premature Birth)
  • बच्चे का वजन कम होना (Low Birth Weight)
  • प्लेसेंटा का नुकसान
  • मां को दौरे पड़ना (Eclampsia)
  • गंभीर स्थिति में मां और बच्चे की जान को खतरा
Pregnant woman experiencing headache with infographic showing preeclampsia risks: severe headaches, shoulder or stomach pain, dizziness, change in reflexes, and reduced urine output.

🧘 बचाव कैसे करें? (Prevention & Care)

✔️ ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करें।
✔️ संतुलित और हेल्दी डाइट लें।
✔️ नमक का सेवन कम करें।
✔️ रोज़ हल्की एक्सरसाइज़ या वॉक करें।
✔️ डॉक्टर के बताए अनुसार दवा लें।
✔️ प्रेग्नेंसी में कोई भी असामान्य लक्षण नज़र आए तो तुरंत जांच कराएं।

👩‍⚕️ डॉक्टर की राय

डॉक्टर्स का मानना है कि –
👉 Preeclampsia का सबसे अच्छा इलाज है Early Detection (समय पर पहचान)
👉 हर गर्भवती महिला को ब्लड प्रेशर और यूरीन टेस्ट नियमित रूप से कराते रहना चाहिए।
👉 समय रहते इलाज करने से मां और बच्चे दोनों सुरक्षित रहते हैं।

❓ FAQs – Preeclampsia in Pregnancy

Q1. क्या Preeclampsia हर प्रेग्नेंसी में होता है?
👉 नहीं, यह सिर्फ कुछ महिलाओं में ज्यादा खतरा पैदा करता है।

Q2. क्या Preeclampsia का इलाज संभव है?
👉 हां, दवाइयों और सही मॉनिटरिंग से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

Q3. क्या यह बच्चे के लिए खतरनाक है?
👉 हां, समय से पहले डिलीवरी और लो बर्थ वेट जैसी दिक्कत हो सकती है।

Q4. क्या यह सिर्फ प्रेग्नेंसी के दौरान होता है?
👉 हां, लेकिन कुछ मामलों में डिलीवरी के बाद भी जारी रह सकता है।

Q5. इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
👉 हेल्दी डाइट, वजन कंट्रोल, ब्लड प्रेशर चेक और डॉक्टर की सलाह का पालन।

📝 Conclusion / निष्कर्ष

👉 Preeclampsia प्रेग्नेंसी की एक गंभीर स्थिति है जो हाई BP और यूरीन में प्रोटीन की वजह से होती है।
👉 यह खासतौर पर पहली बार मां बनने वाली, हाई BP, डायबिटीज या मोटापे वाली महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है।
👉 समय रहते पहचान और सही इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

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