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Dr. Pujil Gulati, IVF Specialist with over 9 years of experience in Assisted Reproductive Techniques BabyBloom IVF Gurgaon

PCOD kya hota hai (पीसीओडी) Pcod meaning in hindi

PCOD Kya Hota Hai आइए जानते हैं। पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD Full Form) महिलाओं में एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) की अधिकता के कारण होने वाला एक विकार है। PCOD के लक्षणों PCOD Problem Symptoms में अनियमित माहवारी, दर्दभरा और लंबा मासिक धर्म, चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे, पेल्विक दर्द, और संतान प्राप्ति में कठिनाई शामिल हैं। इससे संबंधित बीमारियों में टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, हृदय की समस्याएं, अवसाद, और एंडोमेट्रियल कैंसर भी शामिल हैं। बेबीब्लूम IVF की IVF विशेषज्ञ डॉ. पूजील गुलाटी बताती हैं कि इस बीमारी से प्रभावित महिलाओं के मन में अक्सर कई सवाल होते हैं, जैसे कि PCOD की समस्या (PCOD problem) में जल्दी गर्भवती कैसे हो सकते हैं? PCOD में IVF प्रोटोकॉल क्या है? PCOD और IVF विफलता कैसे संबंधित हैं? क्या PCOD के लिए कोई फर्टिलिटी विशेषज्ञ है? क्या पीसीओडी आईवीएफ में अंडों की गुणवत्ता को प्रभावित करता है? पीसीओडी के उपचार में पहली बार आईवीएफ की सफलता की दर क्या होती है?

PCOD kya hota hai a women suffuring from pcod in this image

PCOD का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। उपचार पद्धति में जीवनशैली में बदलाव जैसे शारीरिक गतिविधिया, योग, व्यायाम को शामिल किया जा सकता है। मेटफोर्मिन और एंटी-एण्ड्रोजन भी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा स्थायी रूप से मुँहासे व अनचाहे बाल हटाने का उपचार लिया जा सकता है। babybloom IVF की आईवीएफ स्पेशलिस्ट  डॉ पूजील गुलाटी बताती हैं की फर्टिलिटी क्षमता बढ़ाने की योजना में वजन काम करना, क्लोमीफीन या मेटफॉर्मिन शामिल हैं अगर इस से भी उन्हें सफलता नहीं मिलती है तो वे इन विट्रो फर्टिलाईजन (आईवीएफ) का सहारा लेती हैं।

पीसीओडी को 18 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में एक सामान्य हार्मोनल समस्या माना जाता है। 10 में से एक महिला को पीसीओडी के कारण निःसंतानता की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। यदि कोई महिला अपर्याप्त ओवुलेशन के कारण निःसंतान है, तो पीसीओडी एक प्रमुख कारण हो सकता है। पीसीओडी के बारे में अधिक जानकारी देते हुए babybloom IVF center के विशेषज्ञ बताते हैं कि 1721 में इटली से प्राप्त पीसीओडी से जुड़ा विवरण अब तक का सबसे पुराना ज्ञात विवरण है।

पीसीओडी के लक्षण (PCOD ke lakshan in hindi)

माहवारी संबंधी समस्याएं

 पीसीओडी (PCOD ke lakshan) आमतौर पर ऑलिगोमेनोरिया (एक वर्ष में नौ से कम मासिक धर्म) या एमेनोरिया (लगातार 3 या अधिक महीनों तक मासिक धर्म का न आना) भी इसका कारण बनता है, हालांकि, मासिक धर्म से जुडी कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

बांझपन की समस्याएं –

अनियमित ओव्यूलेशन या अनव्यूलेशन (ओव्यूलेशन का न होना) के कारण PCOD महिलाओं में बांझपन का एक प्रमुख कारण है।

 मेटाबोलिक विकार

यह इंसुलिन रेजिस्टेंस से जुड़े अन्य संकेतों के साथ वजन की मूलभूत समस्याओं की ओर इशारा करती है। पकड़ PCOD से प्रभावित महिलाओं में सीरम इंसुलिन, इंसुलिन प्रतिरोध और होमोसिस्टीन का स्तर भी बढ़ जाता है। पीसीओडी से ग्रसित महिलाओं को वजन से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

 मस्कुलिनिंग हार्मोन का उच्च स्तर– 

जिसे हाइपरएंड्रोजेनिज्म कहा जाता है, के सबसे सामान्य संकेतों में मुँहासे और चेहरे व शरीर पर अनचाहे बालों का विकास शामिल है (जैसे कि पुरुषों की तरह ठोड़ी या ऊपरी शरीर पर बालों का उगना)। इसके अलावा, हाइपरमेनोरिया (गंभीर और लंबे मासिक धर्म) भी हो सकता है, साथ ही एंड्रोजेनिक हेयर थिनिंग (बालों का पतला होना या झड़ना) या अन्य लक्षण भी प्रकट हो सकते हैं।

  त्वचा का रंग गहरा काला होना:

(Pcod Ke Lakshan) में कमर,गर्दन और स्तनों के नीचे की त्वचा काली हो सकती है।

पीसीओडी के कारण (PCOD Problem Causes) –

PCOD का सही कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसमें कई कारक योगदान कर सकते

(Genetics) जेनेटिक्स:

PCOD अक्सर परिवारों में देखा जाता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि इसका एक आनुवंशिक संबंध हो सकता है। यदि आपकी मां या बहन को PCOD है, तो आपके लिए इसके होने की संभावना अधिक हो जाती है।

(Insulin resistance) इंसुलिन प्रतिरोध:

कई महिलाएं PCOD के साथ इंसुलिन प्रतिरोध का सामना करती हैं, जिसका अर्थ है कि उनके शरीर इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते। इससे इंसुलिन के स्तर में वृद्धि हो सकती है, जो एंड्रोजन के उत्पादन को बढ़ा सकती है और ओव्यूलेशन में रुकावट डाल सकती है।

(hormonal imbalance) हार्मोनल असंतुलन:

 हार्मोनों में असंतुलन, जैसे ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) या प्रोलैक्टिन की अधिकता, PCOD में योगदान कर सकता है।

अन्य कारण (Other Reason)

कम उम्र में पीरियड आना, गर्भनिरोधक दवाओं का उपयोग, शरीर में विटामिन डी की कमी, वजन घटाना, और मांस तथा शराब का अधिक सेवन करने से भी शरीर में रसौली बन सकती है।    → (Read more रसौली क्या होती है?)

(PCOD Medical Examination) पीसीओडी की मेडिकल जांच

पीसीओडी के सभी मामलों में पॉलीसिस्टिक ओवरी (पीसीओ) होना जरूरी नहीं है और न ही सभी को ओवेरियन सिस्ट होते हैं। हालांकि पेल्विक अल्ट्रासाउंड एक महत्वपूर्ण डायग्नोस्टिक उपकरण है, यह एकमात्र उपकरण नहीं है। चिकित्सा डायग्नोस्टिक में रॉटरडैम मानकों का उपयोग किया जाता है।

PCOD kya hota hai

पीसीओडी का उपचार (PCOD Problem Treatment in Hindi)

पीसीओडी के लिए प्राथमिक उपचार में दवाओं के साथ जीवनशैली में बदलाव शामिल होते हैं। उपचार की विधियों को पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है –

  1. इंसुलिन रेजिस्टेंस के स्तर को कम करना
  2. प्रजनन क्षमता को बढ़ाना
  3. अनचाहे बालों के विकास को कम करना और मुँहासे के उपचार का प्रबंधन करना
  4. मासिक धर्म को नियमित करना और एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया तथा एंडोमेट्रियल कैंसर से बचाव करना।
  5. प्रजनन उपचार:यदि गर्भधारण करना लक्ष्य है, तो ओव्यूलेशन प्रेरण दवाओं या सहायक प्रजनन तकनीकों के माध्यम से यह संभव किया जा सकता है, जैसे कि प्रजनन उपचार की सिफारिश की जा सकती है।

PCOD में आहार

  • लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाले खाद्य पदार्थ: कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का चयन करें, क्योंकि ये रक्त शर्करा के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं। साबुत अनाज, दालें, फल और बिना स्टार्च वाली सब्जियां अच्छे विकल्प हैं।
  • संतुलित आहार: अपने आहार में विभिन्न पोषक तत्वों को शामिल करें, जैसे लीन प्रोटीन, स्वस्थ वसा और जटिल कार्बोहाइड्रेट।
  • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से दूर रहें: प्रसंस्कृत (रोगी को समझने के लिए कोष्ठक में प्रसंस्कृत भोजन का अंग्रेजी में उल्लेख किया जाना चाहिए) और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें जो इंसुलिन के स्तर को बढ़ा सकते हैं।
  • नियमित भोजन: नियमित और संतुलित भोजन करने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • पीसीओडी और निःसंतानता- पीसीओडी और निःसंतानता के बीच का संबंध एक महत्वपूर्ण विषय है। पीसीओडी, या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज, महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है, जो निःसंतानता की समस्या को बढ़ा सकता है। इस स्थिति में, अंडाशय में कई छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिससे अंडाणुओं का उत्पादन प्रभावित होता है। इसके परिणामस्वरूप, महिलाओं को गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है। उचित उपचार और जीवनशैली में बदलाव से इस समस्या का समाधान संभव है।

CONCLUSION (निष्कर्ष)

PCOD एक जटिल स्थिति है जो महिलाओं के स्वास्थ्य के कई पहलुओं को प्रभावित करती है, लेकिन सही दृष्टिकोण के साथ, इसके लक्षणों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया जा सकता है। PCOD क्या है,(What is PCOD) इसके कारणों को समझना, (Pcod Problem Symptoms) लक्षणों को पहचानना और समय पर चिकित्सा निदान और उपचार प्राप्त करना महत्वपूर्ण कदम हैं। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, जिसमें संतुलित आहार और नियमित व्यायाम शामिल हैं, PCOD को प्रबंधित करने और समग्र कल्याण में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आपको संदेह है कि आपको PCOD है, तो उचित निदान और व्यक्तिगत उपचार योजना के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना न भूलें, ताकि आप जान सकें कि (What is PCOD) PCOD क्या है।

(FAQs) PCOD Kya Hota Hai

Q. PCOD का मुख्य कारण क्या है?

Ans – PCOD, या पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर का मुख्य कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। फिर भी, इसके विकास में कई कारक योगदान करते हैं। अनुवांशिकता इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि PCOD अक्सर परिवारों में देखा जाता है। इंसुलिन प्रतिरोध एक और महत्वपूर्ण कारक है, जिसमें शरीर इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता, जिससे इंसुलिन का स्तर बढ़ सकता है, जो एंड्रोजन के उत्पादन को बढ़ा सकता है और ओव्यूलेशन में रुकावट डाल सकता है। हार्मोनल असंतुलन, जैसे कि एंड्रोजन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) के उच्च स्तर, भी इस स्थिति में योगदान करते हैं। इसके अलावा, निम्न-ग्रेड सूजन PCOD वाली महिलाओं में सामान्य है, जो ओव्यूलेशन के लिए ओवरीज़ को एंड्रोजन का उत्पादन करने के लिए प्रेरित कर सकती है।

Q. PCOD का सबसे अच्छा इलाज क्या है?

Ans – PCOD का सबसे अच्छा इलाज व्यक्ति के लक्षणों और स्वास्थ्य लक्ष्यों पर निर्भर करता है। इसके लिए कोई एकल उपाय नहीं है, लेकिन कई तरीके इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। एक स्वस्थ आहार अपनाना और नियमित व्यायाम करना लक्षणों में सुधार कर सकता है और सामान्य मासिक चक्र को बहाल कर सकता है। विशेष रूप से, वजन घटाना PCOD वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है। लक्षणों के आधार पर, डॉक्टर मासिक चक्र को नियमित करने, एंड्रोजन स्तर को कम करने और इंसुलिन प्रतिरोध को प्रबंधित करने के लिए दवाएं लिख सकते हैं। हार्मोनल थेरेपी, जैसे जन्म नियंत्रण गोलियां, भी हार्मोन स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकती हैं। गर्भधारण की कोशिश कर रही महिलाओं के लिए, ओव्यूलेशन प्रेरण दवाओं या सहायक प्रजनन तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है। व्यक्तिगत जरूरतों के आधार पर सबसे उपयुक्त उपचार योजना निर्धारित करने के लिए एक विशेषज्ञ से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

Q. हम कैसे जानेंगे कि हमारा PCOD ठीक हो गया है?

Ans- वर्तमान में, PCOD का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। यह जानने के लिए कि आपका PCOD नियंत्रण में है, आपके स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं की निगरानी करना आवश्यक है। नियमित और पूर्वानुमानित मासिक चक्र बेहतर हार्मोनल संतुलन का संकेत देते हैं। अत्यधिक बालों का विकास, मुँहासे और वजन बढ़ने जैसे लक्षणों में कमी PCOD के प्रभावी प्रबंधन का संकेत है। समग्र स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार, जैसे स्थिर रक्त शर्करा के स्तर और कम इंसुलिन प्रतिरोध, भी PCOD के बेहतर नियंत्रण का संकेत देते हैं। आपके उपचार योजना की प्रभावशीलता का आकलन करने और आवश्यक समायोजन करने के लिए अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के साथ नियमित जांच और अपने लक्षणों और स्वास्थ्य स्थिति की निरंतर निगरानी करना आवश्यक है।