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बार बार IVF कराने से क्या हो सकते हैं स्वास्थ्य जोखिम?

Picture of  Dr. Pujil Gulati, IVF Specialist with over 13 years of experience in Assisted Reproductive Techniques BabyBloom IVF Gurgaon
Dr. Pujil Gulati, IVF Specialist with over 13 years of experience in Assisted Reproductive Techniques BabyBloom IVF Gurgaon

🌼 परिचय

IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन उन परिवारों के लिए एक आशा है, जिन्हें बच्चा नहीं मिल पा रहा। लेकिन कई बार जब लोग इसे दोबारा‑तीन‑चार बार करवाते हैं, तब शरीर पर क्या असर होता है, यह कम लोग जानते हैं। यह लेख इसी बात को बड़े साफ़ तरीके से, साधारण हिंदी में बताएगा।

बार-बार IVF कराने के नुकसान और स्वास्थ्य जोखिम – मां और बच्चे की तस्वीर

1. ओवेरियन हाइपरस्टिमुलेशन सिंड्रोम (OHSS)

  • IVF में हार्मोन ड्रग्स देकर ज्यादा एग्स बनाने को कहा जाता है।
  • इससे अंडाशय सूज जाते हैं और पेट फूला‑फूला लगता है, उल्टी, सांस की तकलीफ हो सकती है।
  • कुछ महिलाओं में ब्लड क्लॉट, किडनी समस्या या सीरियस फंफड़ों का पानी भरना भी हो सकता है।

2. फिजिकल प्रक्रिया के ज़ख्मी असर

  • हर IVF में अंडाशय से एग रिट्रीवल के लिए नीयल या ऑपरेशन जैसी प्रक्रिया होती है।
  • बार‑बार इससे रक्तस्त्राव, संक्रमण और आस-पास के अंगों (जैसे ब्लैडर या इंटेस्टाइन) को चोट लगने का खतरा रहता है ।

3. मल्टीपल प्रेगनेंसी (जुड़वाँ/तिहरा गर्भ)

  • कभी‑कभी दो–तीन embryos ट्रांसफर हो जाते हैं, जिससे जुड़वाँ या तिहरे बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • इससे प्री‑टर्म बर्थ, लो जन्म वजन, गेस्टेशनल डायबिटीज़, प्रीक्लेमप्सिया और सी‑सेक्शन का खतरा बढ़ जाता है ।

4. इम्प्लांटेशन की फेल्योर (बार बार फेल होना)

  • तीन या उससे अधिक कोशिशों में भी अगर एम्ब्रियो अंडाशय की देवार से चिपक नहीं पाता है, तो इसे Repeated Implantation Failure कहते हैं।
  • यह न सिर्फ भावनात्मक तनाव देता है, बल्कि अंदरूनी अंगों पर असर भी डाल सकता है।

5. हार्मोन प्रभाव और मेंटल हेल्थ

  • हार्मोन इंजेक्शन लेने से सिरदर्द, मूड स्विंग्स, मितली और थकान जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं।
  • सांभावित हार्ट प्रॉब्लम, ब्लड प्रेशर, चिंता, डिप्रेशन जैसे मेंटल इमैक्ट शायद लंबे समय तक रहें ।
बार-बार IVF कराने से स्वास्थ्य जोखिम – डॉक्टर के साथ मरीज की सलाह

6. हार्ट और लंबी अवधि की स्वास्थ्य समस्याएं

  • IVF विफल होने पर, खासकर 5 साल में, दिल की बीमारियाँ और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है, लेकिन कुल मिलाकर यह मामूली है ।
  • कुछ स्टडीज़ में ऊपरी गर्भाशय और स्तन कैंसर के संबंध देखे गए, पर पूर्ण निष्कर्ष अभी नहीं मिले हैं ।

7. भावनात्मक और आर्थिक बोझ

  • भारत में एक IVF साइकिल ₹1.2–2.5 लाख तक खर्च हो सकता है। एक दो से अधिक चक्र करने से यह खर्च कई गुना बढ़ उठता है ।
  • फेल्योर का दर्द और टैग‑हार्ड लागत मानसिक स्वास्थ्य, परिवार में तनाव और रिलेशनशिप पर भी असर डालते हैं ।

8. फर्टिलिटी रिस्पॉन्स में बदलाव (उम्र अनुसार)

  • कई बार IVF करवाने से ओवेरियन रिज़र्व में गिरावट आ सकती है, यानी भविष्य में अंडों की संख्या कम हो जाती है ।

✅ बचने के उपाय और सुझाव

  1. Single Embryo Transfer (SET) अपनाएँ ताकि जुड़वाँ‑तिहरे गर्भ की संभावना न हो  
  2. Cycle Break – हर IVF के बीच शरीर को आराम दें और अंडाशय को सामान्य अवस्था में आने दें
  3. OHSS कम करने के लिए GnRH‑trigger प्रयोग करें, जिससे hCG की तुलना में जोखिम कम हो
  4. मैडीकल मॉनिटरिंग – हर चरण में ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और हार्मोन निगरानी जरूरी है।
  5. Emotional Support – पारिवारिक बातचीत, काउंसलर या support group से जुड़ें
  6. Financial Planning – शुरुआत से ही बजट तय करें, और ज़रूरत पड़े तो सरकार या NGO की मदद लें
  7. Alternatives पर विचार करें – जैसे donor eggs/sperm, surrogacy, इत्यादि, खासकर तब जब लगातार साइकिल फेल हो रही हो

🔍 FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1: IVF कितनी बार लगवा सकते हैं, कोई हार्ड लिमिट है?

A: कोई तय सीमा नहीं है, लेकिन उम्र, शरीर की स्थिति, हार्मोन प्रतिक्रिया और पिछली कोशिशों के अनुभव के आधार पर डॉक्टर सलाह देते हैं। 3–6 चक्र सामान्यतः सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन अधिक चक्र से लाभ कम और जोखिम बढ़ जाता है ।

Q2: OHSS कब और क्यों होता है?

A: जब हार्मोन ड्रग्स से अंडाशय बहुत ज़्यादा अंडे बनाता है। mild OHSS 7–10 दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन severe में पेट, साँस, यूरिनिंग में दिल्ली होती है और यह अस्पताल तक ले जा सकता है ।

Q3: OHSS के सामान्य लक्षण क्या हैं?

A: नीचे कुछ लक्षण हैं:

  • पेट फूलना, दर्द, उल्टी, दस्त
  • तेजी से वजन बढ़ना (1–2 किलोग्राम/24 घंटे)
  • कम पेशाब, साँस लेने में दिक्कत
  • एक्स्ट्रा गंभीर में खून जमना या फुफ्फुसीय पानी ।

 

Q4: दो embryos एक साथ ट्रांसफर करने से क्या समस्या हो सकती है?

A: इससे जुड़वा या तिहरा गर्भ होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे समय‑से‑पहले जन्म, कम वजन, प्री‑क्लेम्पसिया व कई अन्य जोखिम होते हैं ।

📝 निष्कर्ष

बार-बार IVF कराने से शरीर और मन पर कई तरह का असर पड़ता है—जैसे OHSS, संक्रमण, हार्मोनिक बदलाव, दिल की समस्या, मेंटल स्ट्रेस, और आर्थिक दबाव। लेकिन सही प्रबंधन, विशेषज्ञ की सलाह, आराम के मौके और भावनात्मक सपोर्ट से सबकुछ संतुलित रखा जा सकता है। हमेशा याद रखें—आपका शरीर एक बार का नहीं, अच्छी देखभाल और समझदारी का दिन‑प्रतिदिन की भाषा में जवाब मांगता है। खुद से प्यार करें और डॉक्टर की सलाह को गंभीरता से अपनाएँ।  IVF से संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए, तो हमारे बेबीब्लूम IVF सेंटर से संपर्क करें, या अपनी शंका दूर करने के लिए हमें 9266046700 पर कॉल करें।

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