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Zero sperm count in Hindi, Azoospermia in Hindi, male infertility in Hindi

Zero sperm count in Hindi, Azoospermia in Hindi, male infertility in Hindi

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Zero sperm count in Hindi, Azoospermia in Hindi, male infertility in Hindi

Zero sperm count, जिसे चिकित्सा भाषा में “अज़ूस्पर्मिया” (Azoospermia) कहा जाता है, पुरुषों में बांझपन (infertility) का एक प्रमुख कारण है। यह स्थिति तब होती है जब पुरुष के वीर्य में कोई भी शुक्राणु (sperm) नहीं पाया जाता है, जिससे गर्भधारण की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इस लेख में हम zero sperm count in Hindi पर विस्तृत जानकारी देंगे, जिसमें इसके कारण, लक्षण, निदान और उपचार के विकल्प शामिल हैं।

अज़ूस्पर्मिया (Azoospermia) क्या है?

अज़ूस्पर्मिया, या शून्य शुक्राणु गणना, वह स्थिति है जिसमें पुरुष के वीर्य (semen) में बिल्कुल भी शुक्राणु नहीं होते हैं। यह समस्या पुरुषों में बांझपन का एक गंभीर कारण हो सकती है। सामान्य वीर्य में लाखों शुक्राणु होते हैं, जो अंडाणु (egg) को निषेचित करने के लिए जरूरी होते हैं। यदि वीर्य में शुक्राणु नहीं हैं, तो गर्भधारण संभव नहीं हो पाता।

अज़ूस्पर्मिया के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं:

1. अवरोधक अज़ूस्पर्मिया (Obstructive Azoospermia)

इस प्रकार की अज़ूस्पर्मिया तब होती है जब शुक्राणु अंडकोष (testicles) में बनते हैं, लेकिन किसी रुकावट के कारण वे वीर्य में नहीं पहुंच पाते। यह रुकावट शुक्राणु वाहिनी (sperm ducts) में, अंडकोष से बाहर निकलने वाले मार्ग में, या प्रोस्टेट के पास हो सकती है।

2. गैर-अवरोधक अज़ूस्पर्मिया (Non-Obstructive Azoospermia)

इस प्रकार की अज़ूस्पर्मिया में अंडकोष ही शुक्राणु का उत्पादन नहीं कर पाते। यह समस्या हार्मोनल असंतुलन, आनुवांशिक कारणों, या अन्य शारीरिक कारणों से हो सकती है।

अज़ूस्पर्मिया के कारण (Causes of Zero Sperm Count)

अज़ूस्पर्मिया कई कारणों से हो सकती है। इन कारणों को मुख्य रूप से अवरोधक और गैर-अवरोधक श्रेणियों में बांटा जा सकता है।

1. अवरोधक अज़ूस्पर्मिया के कारण (Causes of Obstructive Azoospermia)

  • शुक्राणु वाहिनी में रुकावट (Blockage in Sperm Ducts): शुक्राणु वाहिनी में रुकावट के कारण शुक्राणु अंडकोष से बाहर नहीं निकल पाते।
  • प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याएं (Prostate Issues): प्रोस्टेट ग्रंथि में रुकावट वीर्य की संरचना को प्रभावित कर सकती है।
  • अंडकोष के संक्रमण (Testicular Infections): संक्रमण से शुक्राणु वाहिनी में सूजन और रुकावट हो सकती है।
  • सर्जरी या चोट (Surgery or Trauma): अंडकोष के पास की गई किसी भी सर्जरी या चोट के कारण शुक्राणु के मार्ग में रुकावट आ सकती है।

2. गैर-अवरोधक अज़ूस्पर्मिया के कारण (Causes of Non-Obstructive Azoospermia)

  • हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance): टेस्टोस्टेरोन जैसे पुरुष हार्मोन्स का असंतुलन शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकता है।
  • जेनेटिक विकार (Genetic Disorders): कुछ आनुवांशिक विकार, जैसे क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome), पुरुषों में अंडकोष के विकास को प्रभावित करते हैं।
  • रेडिएशन या कीमोथेरेपी (Radiation or Chemotherapy): कैंसर के उपचार में उपयोग की जाने वाली यह प्रक्रियाएं शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं।
  • अंडकोष की विकृति (Testicular Abnormalities): अंडकोष में जन्मजात या अधिग्रहित विकृतियों के कारण शुक्राणु उत्पादन नहीं हो सकता।
  • वृद्धावस्था (Age): उम्र के साथ शुक्राणु की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों कम हो सकते हैं।

अज़ूस्पर्मिया के लक्षण (Symptoms of Zero Sperm Count)

अज़ूस्पर्मिया का प्रमुख लक्षण गर्भधारण में असफलता है। हालांकि, शून्य शुक्राणु गणना के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं:

1. गर्भधारण करने में समस्या (Difficulty in Conceiving)

अगर आप और आपकी पार्टनर एक वर्ष से अधिक समय से गर्भधारण की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है, तो यह अज़ूस्पर्मिया का संकेत हो सकता है।

2. वीर्य की असामान्य मात्रा (Abnormal Semen Volume)

कुछ पुरुषों में वीर्य की मात्रा बहुत कम हो सकती है या स्खलन (ejaculation) के दौरान वीर्य की कमी हो सकती है, जो अवरोधक अज़ूस्पर्मिया का संकेत हो सकता है।

3. हार्मोनल असंतुलन के लक्षण (Hormonal Imbalance Symptoms)

यदि अज़ूस्पर्मिया हार्मोनल असंतुलन के कारण है, तो पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन के लक्षण जैसे थकान, कामेच्छा में कमी, और मांसपेशियों की कमजोरी देखी जा सकती है।

4. अंडकोष में सूजन या दर्द (Swelling or Pain in Testicles)

कुछ मामलों में, अंडकोष में सूजन, दर्द या असामान्यता भी अज़ूस्पर्मिया के लक्षण हो सकते हैं, खासकर अगर यह संक्रमण या चोट के कारण हुआ हो।

अज़ूस्पर्मिया का निदान (Diagnosis of Zero Sperm Count)

अज़ूस्पर्मिया का निदान करने के लिए कई परीक्षण किए जाते हैं। यह परीक्षण यह निर्धारित करने में मदद करते हैं कि शुक्राणु की अनुपस्थिति का कारण क्या है और किस प्रकार का अज़ूस्पर्मिया है।

1. वीर्य विश्लेषण (Semen Analysis)

अज़ूस्पर्मिया की पहचान का पहला कदम वीर्य विश्लेषण है। यह परीक्षण शुक्राणुओं की संख्या, गतिशीलता, और आकार की जांच करता है। अगर शुक्राणु अनुपस्थित हैं, तो अज़ूस्पर्मिया की पुष्टि हो सकती है।

2. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

अंडकोष और शुक्राणु वाहिनी की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जाता है। यह किसी भी रुकावट या असामान्यताओं की पहचान करने में मदद करता है।

3. हार्मोनल परीक्षण (Hormonal Testing)

यह परीक्षण टेस्टोस्टेरोन, एफएसएच (Follicle Stimulating Hormone), और एलएच (Luteinizing Hormone) जैसे हार्मोन्स के स्तर की जांच करता है। इन हार्मोन्स के असंतुलन से अज़ूस्पर्मिया हो सकता है।

4. बायोप्सी (Biopsy)

अंडकोष की बायोप्सी तब की जाती है जब डॉक्टर को गैर-अवरोधक अज़ूस्पर्मिया का संदेह होता है। बायोप्सी से यह पता लगाया जा सकता है कि अंडकोष शुक्राणु उत्पादन कर रहे हैं या नहीं।

अज़ूस्पर्मिया का उपचार (Treatment of Zero Sperm Count)

अज़ूस्पर्मिया का उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, सर्जरी या चिकित्सा द्वारा समस्या को ठीक किया जा सकता है, जबकि अन्य मामलों में सहायक प्रजनन तकनीक (Assisted Reproductive Techniques) का उपयोग किया जा सकता है।

1. सर्जरी (Surgery)

यदि अज़ूस्पर्मिया अवरोधक है, तो सर्जरी के माध्यम से रुकावट को हटाया जा सकता है। यह शुक्राणु वाहिनी को ठीक कर सकता है, जिससे शुक्राणु वीर्य में वापस आ सकते हैं।

2. हार्मोनल चिकित्सा (Hormonal Therapy)

हार्मोनल असंतुलन के कारण होने वाली अज़ूस्पर्मिया को हार्मोनल चिकित्सा से ठीक किया जा सकता है। डॉक्टर द्वारा टेस्टोस्टेरोन और अन्य हार्मोन्स का सही संतुलन बहाल करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।

3. आईवीएफ (IVF) और आईसीएसआई (ICSI)

यदि सर्जरी या हार्मोनल चिकित्सा से कोई सफलता नहीं मिलती है, तो इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) और इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) जैसी सहायक प्रजनन तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है। इन तकनीकों में, शुक्राणु को सीधे अंडाणु में डाला जाता है और गर्भधारण की प्रक्रिया को सफल बनाने की कोशिश की जाती है।

4. शुक्राणु निष्कर्षण (Sperm Extraction)

अंडकोष से सीधे शुक्राणु निकालने के लिए टेसा (TESA) और एमेसा (MESA) जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इन तकनीकों का उपयोग तब किया जाता है जब शुक्राणु वीर्य में नहीं होते, लेकिन अंडकोष में उनका उत्पादन होता है।


FAQs

अज़ूस्पर्मिया का क्या मतलब होता है?
अज़ूस्पर्मिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुष के वीर्य में शुक्राणु नहीं होते। इसे “zero sperm count” भी कहा जाता है, जो पुरुषों में बांझपन का कारण हो सकता है।

क्या अज़ूस्पर्मिया का इलाज संभव है?
हाँ, अज़ूस्पर्मिया का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। सर्जरी, हार्मोनल चिकित्सा, और सहायक प्रजनन तकनीक जैसे IVF और ICSI से उपचार संभव है।

अज़ूस्पर्मिया का प्रमुख लक्षण क्या होता है?
अज़ूस्पर्मिया का प्रमुख लक्षण गर्भधारण में असफलता है। इसके अलावा, वीर्य की असामान्य मात्रा और हार्मोनल असंतुलन के लक्षण भी हो सकते हैं।

क्या अवरोधक अज़ूस्पर्मिया का इलाज सर्जरी से हो सकता है?
हाँ, अवरोधक अज़ूस्पर्मिया का इलाज सर्जरी से किया जा सकता है, जिसमें शुक्राणु वाहिनी की रुकावट को हटाया जाता है।

गैर-अवरोधक अज़ूस्पर्मिया के उपचार के विकल्प क्या हैं?
गैर-अवरोधक अज़ूस्पर्मिया के लिए हार्मोनल चिकित्सा और सहायक प्रजनन तकनीक जैसे IVF और ICSI प्रमुख उपचार विकल्प हैं।

क्या अज़ूस्पर्मिया एक आम समस्या है?
अज़ूस्पर्मिया बहुत आम नहीं है, लेकिन यह पुरुष बांझपन के मामलों में 10-15% में देखा जाता है।


निष्कर्ष

Zero sperm count, या अज़ूस्पर्मिया, एक जटिल स्थिति है, लेकिन आधुनिक चिकित्सा के साथ इसका निदान और उपचार संभव है। सही समय पर निदान और चिकित्सा से पुरुषों को बांझपन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। अगर आपको अज़ूस्पर्मिया के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा कदम है।

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